काला जादू । Horror Story In Hindi । Black Magic

काला जादू । Black Magic ।


काला जादू । Horror story in hindi

Hi guy's मेरा नाम हैं 'विशाल आमले'. आज हम देखेंगे की काला जादू क्या होता हैं और कैसे करते हैं. राजू नाम का एक लड़का था जिसके साथ ये हात्सा हुआ था और वो कैसे होता हैं राजू ने उसपर कुछ उपाय ढूंढा या नहीं इसके लिए आप को ये कहानी पूरी पड़नी होगी.

ये बात जमापुर गांव की हैं.

दिनभर के मेहनत के कामों से थक कर पूरा गांव चुपचाप सोया हुआ था. गली के कुत्ते भी कोने पकड़कर सोए हुए थे. अचानक से कोई कुत्ता उठता हैं और इधर उधर संदेह भरी नजरो से देख कर वापस सो जाता हैं.

उसी गांव से बाहर एक छोटी सी बस्ती में कोई जाग रहा था. झोपड़ी जैसा छोटा सा घर था. वहा पर किसी का आना जाना नही था. इसीलिए उसने वो जगह चुनी थी.

उस अघोरी काम को अंजाम देने के लिए चारों तरह सन्नाटा था लेकिन रात के कीड़े उनकी आवाज निकाल कर उनके होने का ऐहसास दिला रहे थे. पूरा माहौल तनावपूर्ण लग रहा था इस माहौल में वो निकली थी वो उस झोपड़ी में आई.

घरवालों के सोने के बाद चुपचाप निकल आई थी एक खोपनाक काम की शुरुवात करने के लिए उस झोपड़ी की जमीन और दिवारे गोबर से लिपि हुई थी उसने साथ में लाई हुई मोमबत्ती जलाई इस मोमबत्ती के उजाले में उसका भोलाभाला चेहरा डरावना लग रहा था. 

लेकिन उस झोपड़ी में जो था वो उससे भी डरावना था झोपड़ी के कोने में एक मुर्गा था उसके पैर और पंख बंदे हुए थे इसकी वजह से वो हिल भी नहीं पा रहा था फिर भी जैसे तैसे उसके पेठ से गुर गुर की आवाज निकल रही थी. उसने उस मुर्गे की तरफ देखा और एक अजीब सी मुस्कान उसके चेहरे पर आई. 


उसने अपने बाल खुले छोडे और मटके में रखा हुआ पानी सर पर डाल लिया और गीले बदन के साथ किसी मंत्र को बड़बड़ाने लगी. उसने कोयले का टुकड़ा निकाला और नीचे जमीन पर कुछ अजीब सी आकृतियां निकालने लगी.

उसने चार नींबू निकाले उसमे अपना अंगूठा चुभा कर नींबू फोड़े और चारो कोनो मैं एक एक रख दिया फिर उसने उस मुर्गे की तरफ देखा उसने उस मुर्गे को उस आकृति के बीच में पकड़ा और फिर मंत्रों का उच्चार और तेजी से करने लगी.

उसकी आंखे लाल हो गई थी उसने मुर्गे की गर्दन दबा कर पकड़ी तो मुर्गा तड़पने लगा और एक अलगही आवाज में चिल्लाकर उसने मुर्गे की गर्दन मरोड़ डाली.

थोड़ी देर में मुर्गा शांत हुआ और उस मुर्गे के साथ साथ वो औरत भी शांत हुई पूरा माहौल भी खामोशी से भर गया लेकिन उसने शुरू किया था एक जानलेवा खेल जिसको बोलते हैं ' काला जादू ' 'Black Magic'.

काला जादू । Black Magic


मोबाइल की रिंगटोन बज रही थी उससे नितिन की नींद टूटी उसने वही लेटे लेटे कॉल उठाया आधी नींद में वो बोला हैलो तभी फोन पर उसका दोस्त था वो बोला अरे भाई एक जामापुर का किराया हैं गाड़ी के लिए एकदम अर्जेंट हैं जाओगे क्या ?

गाड़ी का किराया सुनते ही नितिन की नींद उड़ गई वो बोला हा जाऊंगा बताओं कहा आऊ नितिन का दोस्त बोला हा फिर जल्दी से आ जाओ हम यहा सांगली नाके के पास रुके हैं. तभी नितिन बोला हा अभी चाय पीकर निकलता हूं.

इतना कहकर नितिन ने फोन रख दिया उसने घड़ी देखी तो रात के 3.30 बजे थे. नितिन एक 10 वी पास लड़का था कोई नौकरी न मिलने से कई दिन लोगो की गाड़ी पर ड्राइवर का काम किया और बाद में अपनी खुद की एक गाड़ी खरीद ली.

उसने जल्दी से हाथ मुंह धोए और चाय पीकर  निकल गया बस आधे घंटे में वो नाके पर पोहचा सामने अमोल खड़ा था उसने ही नितिन को फोन किया था उसकी भी अपनी खुद की एक गाड़ी थी लेकिन उसकी गाड़ी एक तरफ से ठोक गई थी.

उस गाड़ी के पास ही 5 लोग खड़े थे उसमें से तीन बोहोत ही तगड़े पहलवान लग रहे थे बाकी के दोनो 23 के लग रहे थे. नितिन ने गाड़ी को देखकर बोला अरे भाई क्या हुआ गाड़ी को अमोल बोला अरे भाई मैं ही इनको ले कर जा रहा था लेकिन तभी गाड़ी का accident हो गया. 

तो अब तुम ही इनको आगे लेकर जाओ क्योंकि इनको थोड़ी जल्दी हैं. नितिन ने गाड़ी चालू की उसके बगल में एक लड़का आकर बैठ गया तिन्हो तगड़े लोग बीच में बैठ गए और एकदम पीछे राजू बैठ गया. 

इन सबने राजू एकदम शांत लग रहा था बिना कुछ बोले एकदम चुप चाप बैठा था तभी तिन्हों में से एक बोला अरे रस्सी रह गई यार नितिन के बाजू में बैठा हुआ मोहन उतरा उसने अमोल के गाड़ी से रस्सी निकली. 

रस्सी 2 इंच इतनी मोटी थी. तभी नितिन के पूछा ये रस्सी किस लिए हैं उसका ये सवाल सुकर गाड़ी में सन्नाटा छा गया कुछ सोचते हुए मोहन बोला जरूरत पड़ेगी रास्ते में चलो जल्दी देर हो रही हैं.

नितिन को कुछ समझ नहीं आ रहा था इसीलिए वो चुपचाप गाड़ी चलाने लगा. सुबह हो रही थी आदे से ज्यादा रास्ता कट चुका था लेकिन पता नहीं क्यों एक अजीब सी घुटन महसूस सो रही थी गाड़ी में कोई कुछ बोल नहीं रहा था हमेशा कोई न कोई पीछे मुड़कर राजू को देख रहा था.

पीछे राजू चुपचाप बैठा था. नितिन ही बार बार सवाल पूछ रहा था जिसका इसे बोहोत ही कम शब्दो में जवाब मिल रहा था सारे जवाब से नितिन बस इतना ही समझ पाया की ये लोग सब पास के ही गांव में रहने वाले हैं.

एकदम पीछे बैठा हुआ लड़का जिसका नाम राजू था उसकी तबियत खराब थी और उसके इलाज के लिए ही वो लोग जमापुर जा रहे थे. नितिन को अब बोहोत भूख लग रही थी.

तभी नितिन बोला भाई चलो थोड़ा नाश्ता कर ले  बोहोत भूख लगी हैं कुछ सोचते हुए एक आदमी बोला ठीक हैं किसी होटल पर रोक दो गाड़ी हम रोटी लेकर आए है तो हम गाड़ी में ही खाते हैं आप जाओ होटल से खाकर आओ.

नितिन ने एक होटल पर गाड़ी रोक दी यार बोहोताही अजीब लोग हैं मन ही मन नितिन सोच रहा था. नितिन के वापस आने तक सारे लोग गाड़ी में वैसे ही बैठे थे पास आकर नितिन बोला अच्छा मेरी रात भर नींद नहीं हुई हैं.


अगर किसी को गाड़ी चलाना आता हैं तो चलाओना में थोड़ी देर आराम कर लेता हूं. इसके बाद मोहन गाड़ी चलाने के लिए तयार हो गया नितिन पीछे राजू के पास जाकर बैठने लगा.

तो मोहन बोला अरे भाई यही बैठो मेरे पास नहीं नही में यही पीछे आराम से सो जाता हूं यह बोहोत जगह हैं. बाकी कोई कुछ बोले इसके पहले ही नितिन राजू के बाजू में जाकर सो गया. सब लोग अजीब नज़रों से नितिन को देखने लगे.

अब मोहन गाड़ी चला रहा था नितिन राजू के कंधे पर सर रख कर सो गया था. अचानक नितिन को कोई आवाज आने लगी राजू के मूंह से एक अजीब सी आवाज निकल रही थी घूर*** घूर***।

तभी नितिन की नींद खुल गई और वो राजू की तरफ देखने लगा अचानक राजू ने नितिन की ओर देखा उसके ऐसे अचानक देखने से नितिन सहर गया तभी राजू के आंखो के नीचे की काली पुतलियां घूम गई.

और उसकी आंखे पूरी तरह से सफेद दिखने लगी किसी मुर्गे की बांग की तरह वो चिल्लाया कुकदुकू कुकदुकु अपनी सफेद आंखे बड़ी करके वो चिल्लाने लगा 'मुर्गा हूं में मुर्गा कटा हुआ मुर्गा' ।

उसको ऐसे चिल्लाते हुए देखकर नितिन दर कर बीच वाली सीटों के ऊपर से उन तीनों लोगों के ऊपर आ गया लेकिन उन तीनों लोगों को राजू के येसे व्यवहारोंकी शायद आदत हो गई थी. उसमे से एक बोला गाड़ी को रोक और कोई बोला की रस्सी लाओ जल्दी मोहन ने रास्ते के किनारे गाड़ी रोकी.

वो तीनो लोग गाड़ी से उतरे और रस्सी से राजू को बांधने लगे शरीर से राजू दुबला पतला था लेकिन पता नहीं कैसे उसके अंदर बोहोत ताकद आ गई थी. उन पहलवान लोगों पे भी वो भारी पड़ रहा था.

राजू का चिल्लाना जारी था तीनों ने मिलकर उसे रस्सी से बांध दिया और उसके मुंह में एक कपड़ा ठूंस दिया और उसे गाड़ी में बिठाकर सब बैठ गए बैठते हुए वो बोले मोहन जल्दी चलो लेकिन नितिन तो दर के मारे पूरा पसीने से भीग गया था ये सब क्या हो रहा हैं उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था. 


नितिन ने मोहन से पूछा अरे भाई क्या हुआ हैं इसको मोहन बोला पता नही पिछली अमावस की रात से ऐसा कर रहा हैं रात को अचानक उठकर ऐसे ही चिल्लाता हैं. हमे शक हैं की किसी ने काला जादू किया हैं नितिन को अब पता चला की रस्सी क्यों लाई थी.

गाड़ी में पूरा सन्नाटा था गाड़ी जमापुर पोहच गई मंदिर के पास आते ही राजू शांत हो गया.  उन्हे दोपहर की आरती के लिए रुकना था नितिन ने देखा की उस मंदिर के बाहर राजू के जैसे और लोग थे.

और उनके साथ उनके रिश्तेदार भी थे दोपहर में आरती के लिए सब अंदर जाने लगे. मोहन नितिन को बोला देखो आप मत आओ आप यही गाड़ी में आराम करो नितिन मन में ही बोला क्यों न अब यहां तक आया हुं तो अभी आरती मैं भी शामिल हो जाता हूं.

आरती शुरू हो गई तालियों और घंटियों के साथ मंत्रों का उच्चारन होने लगा. वहा राजू जैसे आए हुए लोग जगह पर ही झुमने लगे कुछ ओरते थी और कुछ लड़कियां थी.

सब चिल्ला रही थी शायद दर से क्योंकि भगवान के मंत्र उच्चार से उनके अंदर के भूत को तकलीफ हो रही थी अचानक एक औरत बाल खुले छोड़ कर नितिन की ओर भागते हुए आई नितिन डर कर पीछे हट गया वो औरत मंदिर के आंगन में जो खंबे थे उसकी ओर भागी.

वो औरत खंबो पर चढ़ने लगी वो इतनी आसानी से ऊपर जा रही थी मानो उसके पैर उन खंबो को चिपक रहे हो उपर चढकर वो बीच वाले खंबो पर उल्टा लटकने लगी देखते देखते उस खंबो पर बोहोत सारे पीढ़ित लोग आकर चिपक गए.

राजू भी वही लटक रहा था नितिन ये सब देखकर दर गया और वो वहा से भागकर सीधे गाड़ी में जाकर बैठ गया थोड़ी देर में सब लोग वापस आ गए.

राजू को देखकर नितिन दंग रह गया क्योंकि अब वो मुस्कुराता हुआ एक आम आदमी लग रहा था हस्ते हुए बाते कर रहा था उसको देखकर यकीन ही नहीं हो रहा था की ये वही राजू हैं जो कल रात चिल्ला रहा था. सबलोग अपने गांव वापस आ गए.

ऐसा कहा जाता हैं की जब किसी व्यक्ति पर काला जादू किया जाता हैं तब उस व्यक्ति ने अगर उसपर इलाज करा लिया तो जिसने काला जादू किया है उसपर ही इसका बुरा असर होने लगता हैं. 


ऐसा ही कुछ हुआ उस औरत के साथ जिसने मुर्गे की गर्दन मरोड़ कर काला जादू किया था अब उसको ही तकलीफ होने लगी थी. फिर उसने एक फैसला लिया उसने और एक भयानक काला जादू किया. 

लेकिन इसबार राजू के साथ उसकी भी मौत निशित थी कुछ दिन बाद नितिन को मोहन दिखा कुछ काम के लिए उसके गांव आया था तभी नितिन ने पूछा अरे भाई कैसे हैं अभी राजू सेठ उसके इस सवाल से मोहन का चेहरा उतर गया.

मोहन बोला राजू तो गया हमलोग वापस आने के बाद कुछ दिन अच्छे तो गए लेकिन एक रात को वो अचानक चिल्लाने लगा और खुद के ही हाथो से खुद की ही गर्दन मरोड़ ली.

उसकी बुआ ने ही काला जादू किया था उसी रात उसने भी अपने ही हाथों से खुद की भी गर्दन मरोड़ ली. नितिन को ये सुनकर झटका लगा नितिन ने पूछा लेकिन उसने ऐसा क्यों किया तो मोहन बोला जमीन जायदात के झगड़े थे. नितिन वही बैठकर सोच में गिर गया.

कहानी का समापन 


दोस्तों ये कहानी कैसी लगी मुझे commont box में जरूर बताना और अपने दोस्तों मैं share करना. मेरे speech को follow करना  । Thanks you so much ।
जय हिन्द ।


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